जागेंगे जुरुर ये भाग तेरे

मैंने कई दफा motivational किताबे पढ़ी ही लेकिन कोई असर नज़र नही आया :)
पर कभी कभी कवि/शायर के कुछ ही लफ्ज़ यह काम कर जाते हैं। यह उनमे से एक हैं।

तनहा ऐसे क्यों बैचेन फिरे
जागेंगे जुरुर ये भाग तेरे

कोई जाने ना ये जोश तेरा
कोई जाने ना जूनून तेरा.

पोस्टर बॉय


दक्षिण भारत के महत्तम दीवारों या होर्डिंग्स पे कुछ ऐसे ही पोस्टर दिखाई पड़ जाते है. इनमे से कुछ तो मेइन (खल)नायक (फुल साइज़ फोटो) के साथ ३०-४० लोगो के थोबडे दिखता है.